मानसून में रखिए पैरों की देखभाल .... शहनाज हुसैन

Sep 3, 2025 - 18:53
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मानसून में रखिए पैरों की देखभाल ....  शहनाज हुसैन
मानसून को रोमांस, हरियाली, नैर्सागिंक सौंदर्य तथा आनन्द दायक सीजन के रूप में जाना जाता है। मानसून सीजन की सबसे बड़ी मार  आपके पांव को झेलनी पड़ती है 
मानसून के सीजन में पांवों के देखभाल की अत्याधिक आवश्यकता होती है। आप कुछ साधारण सावधानियों तथा आर्युवैदिक उपचारों से पांव तथा उंगलियों के संक्रमण से होने वाले रोगों से बच सकते है। मानसून के मौसम में अत्याधिक आर्द्रता तथा पसीने की समस्या आम देखने में मिलती है। इस मौसम में पैरों के इर्द-गिर्द के क्षेत्र में संक्रमण पैदा होता है जिसमें दुर्गन्ध पैदा होती है।
 
पसीने के साथ निकलने वाले गंदे द्रव्यों को प्र्रतिदिन धोकर साफ करना जरूरी होता है ताकि दुर्गन्ध को रोका जा सके तथा पांव ताजगी तथा स्वच्छता का अहसास कर सके। सुबह नहाती बार अपने पांवो की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दीजिए पांवों को धोने के बाद उन्हें अच्छी तरह सूखने दें तथा उसके बाद पांव तथा उंगलियों के बीच टैलकम पाउडर का छिड़कांव करें। यदि आप बंद जूते पहनाते है तो जूतों के अन्दर टैलकम पाउडर का छिड़काव कीजिए। बरसात के मौसम के दौरान स्लिपर तथा खुले सैंडिल पहनना ज्यादा उपयोगी साबित होता है क्योंकि इससे पांवों में हवा का अधिकतम संचालन होता है तथा पसीने को सुखने में भी मदद मिलती है लेकिन खुले फुटवीयर की वजह से पांवों पर गंदगी तथा धूल जम जाती है जिससे पांवों की स्वच्छता पर असर पड़ता हैं दिन भर थकान के बाद घर पहुंचने पर ठण्डें़ पानी में थोड़ा सा नमक डालकर पांवों को अच्छी तरह भिगोइए तथा उसके बाद पांवों को खुले स्थान में सुखने दीजिए।
 बरसात के गर्म तथा आर्द्रता भरे मौसम में पांवों की गीली त्वचा की वजह से ‘‘एथलीट फूट’’ नामक बीमारी पावों को घेर लेती है। यदि प्रारम्भिक  तौर पर इसकी उपेक्षा को तो यह पांवों में दाद, खाज, खुजली जैसी गम्भीर परेशानियों का कारण बन जाती है। ‘‘एथलीट फूट’’ की बीमारी फंगस संक्रमण  की वजह से पैदा होती है इसलिए अगर उंगलियों में तेज खारिश पैदा हो रही  हो तो तत्काल त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लीजिए। इस बीमारी के प्रारम्भिक दौर में एंटी फंगल दवाईयां काफी प्रभावी साबित होती है। 
 
बारिश के मौसम में पैरों में फंगल इंफेक्शन हो जाता है,  जिससे पैर काफी अजीब दिखने लगते हैं। इस इंफेक्शन से बचना काफी जरूरी होता है। इसलिए पैरों में टैल्कम पाउडर या एंटीफंगल पाउडर का इस्तेमाल करें। यदि पैरों में बदबू आ रही हैए या काफी खुजली हो रही हैए तब तो इसका इस्तेमाल अवश्य ही करें।
 
। इस मौसम में जुराबें पहनने से परहेज करते हुए खुले जुते पहनिए,  तथा पांवों को अधिकतम शुष्क रखिए। यदि जुराबे पहनना जरूरी हो तो सूती जुराबे ही पहनिए। वास्तव में गर्म आर्द्रता भरे मौसम में पांवों को अधिकतम समय तक खुला रखना चाहिए। किसी भी सैलून में सप्ताह में एक बार पांवों की सफाई करवा लीजिए इससे पांवों को आरामदेह तथा अच्छी स्थिति में रखने में मदद मिलेगी। मानसून में पांवों की देखभाल के लिए कुछ निम्नलिखित घरेलू उपचार भी अपनाइए जा सकते है।
‘‘फूट सोक’’ : 
बाल्टी में एक चौथाई गर्म पानी आधा कप खुरखुरा नमक, दस बूंदे नीबू रस या संतरे का सुंगधित तेल डालिए। यदि आपके पांव में ज्यादा पसीना निकलता है तो कुछ बुंदे टी ट्री -आयल को मिला लीजिए क्योंकि इसमें रोगाणु रोधक तत्व मौजूद होते है तथा यह पांव की बदबू को दूर करने में मदद करती है। इस मिश्रण में 10-15 मिनट तक पांवों को भीगोकर बाद में सुखा लीजिए।
अगर किसी वजह से आपके पैर पूरे दिन भीगे रहे हैं तो एक टब में पानी लें और उसमें दो चम्मच नमक डाल दें। अपने पैरों को इस पानी में लगभग 20 मिनट तक रखें फिर सादे पानी से धो लें। इससे आपको जरूर राहत मिलेगी।
 
फूट लोशन : 3 चम्मच गुलाब जल, 2 चम्मच नीबूं जूस तथा एक चम्मच शुद्ध गलिसरीन को मिश्रण तैयार करके इसे पांव पर आधा घण्टा तक लगाने के बाद पांव को ताजे साफ पानी से धोने के बाद सूखा लीजिए।
अगर पैर बहुत गीले हो गए हों तो गुनगुने पानी में थोड़ा नमक डालकर कुछ देर पैरों को डुबोएं। 
 
ड्राईनैस फूट केयर : एक बाल्टी के चौथाई हिस्से तक ठण्डा पानी भरिए तथा इस पानी में दो चम्मच शहद एक चम्मच हर्बल शैम्पू, एक चम्मच बादाम तेल मिलाकर इस मिश्रण में 20 मिनट तक पांव भीगोइए तथा बाद में पांव को ताजे स्वच्छ पानी से धोकर सुखा लीजिए।
 
कुलिंग मसाज आयल : 100 मि.ली. लीटर जैतून तेल, 2 बूंद नीलगिरी तेल, 2 चम्मच रोजमेरी तेल, 3 चम्मच खस या गुलाब का तेल मिलाकर इस मिश्रण को एयरटाईट गिलास जार में डाल लीजिए। इस मिश्रण को प्रतिदिन पांव की मसाज में प्रयोग कीजिए। इससे पांवों को ठण्डक मिलेगी तथा यह त्वचा को सुरक्षा प्रदापन करके इसे स्वास्थ्यवर्धक रखेगा। आप चाहें तो पैरों पर नारियल या जैतून का तेल लगाकर मालिश कर सकते हैं।
 
घर के अंदर या बाहर नंगे पैर चलने से बचेंए खासकर अगर आपको संक्रमण का खतरा है।
 
बरसात के मौसम में आप अपने पैरों को साफ करके ही सोएं। याद रखें कि रात को पैर वॉश करके पैरों पर कोई मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं। आप चाहें तो पैरों पर नारियल या जैतून का तेल लगाकर मालिश कर सकते हैं।
 
पैरों के नाखून छोटे रखें। बड़े नाखूनों में फंसी गंदगी आपको फंगल आदि की  समस्या दे सकती है।  
पैरों के छोटे नाखूनों में पैरों में गंदगी कम फंसेगी। इस मौसम में सप्ताह में दो बार नाखून काटें और साफ करें।

....  शहनाज हुसैन
लेखिका अर्न्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ है तथा हर्बल क्वीन के रूप में लोकप्रिय है।

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