'मैं वह विषय हूं जिसे समझना कठिन है' - मुशायरा स्थगित होने के बाद जावेद अख्तर ने लिखा शेर

Sep 4, 2025 - 23:23
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'मैं वह विषय हूं जिसे समझना कठिन है' - मुशायरा स्थगित होने के बाद जावेद अख्तर ने लिखा शेर

Javed Akhtar Mushaira Row: हाल ही में पश्चिम बंगाल में जावेद अख्तर का मुशायरा स्थगित कर दिया गया है। इसके बाद जावेद अख्तर ने एक्स पर एक पोस्ट लिखी है। आइए जानते हैं उन्होंने पोस्ट में क्या लिखा है।

गीतकार जावेद अख्तर इन दिनों सुर्खियों में हैं। कुछ दिनों पहले पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी ने कुछ मुस्लिम समूहों के विरोध के बाद उनके एक 'मुशायरे' को स्थगित कर दिया था। इसके बाद जावेद अख्तर ने गुरुवार को नास्तिकों, काफिरों और संतों पर एक शेर लिखा है।

स्वघोषित नास्तिक जावेद अख्तर देश भर के सांस्कृतिक समारोहों में नियमित रूप से शामिल होते हैं। वह कट्टरवाद चाहे हिंदू हो या मुसलमान सबकी आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ते।

जावेद अख्तर ने पोस्ट में क्या लिखा?
जावेद अख्तर ने एक्स पर उर्दू में एक शेर साझा किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि कोई उन्हें नहीं समझ सकता। उन्होंने लिखा 'नेक आदमी ने मुझे गैर-मुस्लिम समझा और गैर-मुस्लिम यह समझता है कि मैं मुसलमान हूं। शराबी मुझे अल्लाह वाला समझता है और अल्लाह वाला मुझे शराबी समझता है। सुन के इन की बातें मैं हैरान हूं। मैं वह विषय हूं जिसको समझना मुश्किल है। हालांकि कोई मुझे समझना चाहे तो मैं बहुत आसान हूं।'

Javed Akhtar posts Urdu couplet after mushaira row says I am that subject difficult to understand
जावेद अख्तर - फोटो : एक्स- @Javedakhtarjadu
इसलिए स्थगित हुआ मुशायरा
आपको बता दें कि एक सितंबर से कोलकाता में मुशायरा आयोजित होने वाला था। कुछ मुस्लिम संगठनों ने कहा कि जावेद अख्तर की कुछ टिप्पणियों से समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। इसके बाद मुशायरे को स्थगित कर दिया गया।
राज्य की तरफ से संचालित अकादमी ने स्थगन के लिए कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया।

अकादमी की तरफ से जारी बयान
अकादमी की सचिव नुजहत जैनब ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा को बताया 'किसी जरूरी कारण से चार दिवसीय मुशायरा स्थगित करना पड़ा। हम नई तारीखों का एलान बाद में करेंगे।'
हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि अगले कार्यक्रम में अख्तर मेहमानों में शामिल होंगे या नहीं।

जमीयत का इल्जाम
जमीयत-ए-उलेमा की राज्य इकाई के महासचिव मुफ्ती अब्दुस सलाम कासमी ने कहा 'जावेद अख्तर की तरफ से की गई कुछ टिप्पणियों से मुसलमानों के एक वर्ग की भावनाएं आहत हुई हैं। हमारा मानना है कि एक अल्पसंख्यक संस्थान होने के नाते, पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी किसी ऐसे दूसरे व्यक्ति को बुला सकती है जिसने आम मुसलमानों की भावनाओं को ठेस न पहुंचाई हो।'

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