मधुमेह (Diabetes) में मेथीदाना और जामुन के कारगर उपाए

मधुमेह के रोगियों के लिए हम बताने जा रहे है मेथीदाना और जामुन के कुछ प्रभावशाली उपाए, जिस से आप मधुमेह की परेशानी से छुटकारा पा सकते हो और उसके इलावा कुछ और खास बातें जो की रोगियों के लिए फायेदमंद साबित होंगी। आएं जाने इनके बारे में।
मैथीदाना 6 ग्राम लेकर थोड़ा कूट लें और सायं 250 ग्राम पानी में भिगो दे। प्रात: इसे खूब घोंटे और कपड़े से छानकर, बिना मीठा मिलाये पी लिया करें। दो मांस सेवन करने से मधुमेह से छुटकारा मिल जाता है।
अन्य विधि
दो चम्मच मैथीदाना और एक चम्मच सोंफ मिलाकर कांच के गिलास में 200 ग्राम पानी में रात को भिगो दे। सुबह कपड़े से छानकर पी लें। जिन रोगियों को मैथी गर्मी करती हो ऐसे गर्म प्रकृति वाले मधुमेह तथा अल्सरेटिव कोलाइटिस के रोगियों के लिए यह सोंफ के साथ मैथी वाला प्रयोग अधिक कारगर सिद्ध हुआ है।
जामुन के पत्ते
जामुन के चार हरे और नरम पत्ते खूब बारीक़ कर 60 ग्राम पानी में रगड़ छानकर प्रात: दस दिन तक लगातार पिएं। तत्प्श्चात इसे हर दो महीने बाद ले। जामुन के पत्तों का यह रस मूत्र में शककर जाने की शिकायत में उत्तम है।
जामुन का फल
अच्छे पके जामुन के फलों को 60 ग्राम लेकर 300 ग्राम उबलते हुए पानी में डालकर ढंक दे। आधा घंटे बाद मसलकर छान ले। इसके तीन भाग करके एक-एक मात्रा दिन में तीन बार पीने से मधुमेह के रोगी के मूत्र में शकर बहुत कम हो जाती है। नियमपूर्वक जामुन के फलों के मौसम में कुछ समय तक इसे सेवन करने से रोगी बिलकुल ठीक हो जाता है।
जामुन के फलों की गुठलियों की गिरियां
इन गिरियों को छाया में सुखाकर चूर्ण बनाकर प्रतिदिन प्रात: व सायं तीन ग्राम ताजा पानी के साथ लेते रहने से मधुमेह दूर होता है और मूत्र घटता है। प्रात: कम से कम इकीस दिन तक लें।
विशेष
1. दही, फल, हरी शाक-सब्जियां, चोलाई, बथुआ, धनिया, पुदीना, पत्ता गोबी, खीरा, ककड़ी, लोकी, बेलपत्र, नारियल, जामुन, करेला, मूली, टमाटर, नीबू, गाजर, प्याज, अदरक, छाछ, भीगे बादाम आदि लेना अधिक उपयोगी है।
2. करेला कड़वा भले ही है, मधुमेह में अमृत है। करेला के सेवन से खून में ग्लूकोज काफी घट जाता है। तले हुए करेले या करेले का साग खाने वाले रोगियों में भी ग्लूकोज सहनशीलता काफी पाई गई है।
3. मीठे का प्रयोग बिलकुल बंद कर दे। चावल, स्टार्च, मीठे फल और तम्ब्कु आदि से परहेज रखे।
4. ज्यादा दिमागी काम और बदहजमी से बचे।
5. दिन में न सोएं।
6. पानी एक साथ न पीकर घूंट-घूंट पीएं।
सहायक उपचार
1. जौ का आटा ( पांच भाग ) और चने का आटा ( एक भाग ) मिलाकर रोटी बनाकर चौगुनी सब्जियां के संग खाएं। यदि केवल चने की रोटी ही आठ-दस दिन खाएं। तो पेशाब में शककर जाना बंद हो जाता है।
2. जौ को भूनकर आटे की तरह पीसकर रोटी बनाकर खाना बहुत लाभप्रद है।
3. शक्ति के अनुसार मधुमेह का रोगी सुबह -शाम लम्बी दौड़ लगाएं तो बिना ओषधि के पेशाब में शककर आना रुक जाएगी। दौड़ न संके तो खूब टहले। सवर्ग तेल मालिश भी लाभप्रद है।
4. केवल दही, फल और साग-सब्जियां खाकर दो-तीन सप्ताह रहने से मूत्र में से चीनी गायब हो जाती है। मिठाईयां खाने पर फिर चीनी निकलना शुरू हो सकती है। इसलिए रोटी या चावल के साथ चौगुनी तरकारियाँ खानी चाहिए।
5. मधुमेह यदि 40 वर्ष के पश्चात हुआ हो तो योगासनो विशेषकर अर्धमत्स्यासन, मयूरासन, धनुरासन, भुजंगासन, पद्मासन, गर्भासन का रोजाना नियमित अभ्यास करने से कुछ दोनों में शककर की बीमारी ठीक हो जाती है। केवल अगिनसार धौति, भसित्रका, उड्डयनबंद के साथ पशिच्मोतनसँ और फेफड़ो को शक्ति पहुचने वाले प्रणायाम के अभ्यास से स्थायी लाभ हो सकता है।
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