ऐसा पेड़ जिसके फुल, फली, तना ,छाल सभी बेहद गुणकारी

Sep 3, 2025 - 19:00
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ऐसा पेड़ जिसके  फुल, फली, तना ,छाल  सभी  बेहद गुणकारी

ऐसा पेड़ जिसके फुल,फली,तना ,छाल सभी बेहद गुणकारी कचनार के पेड़ की छाल को जलाकर उसकी राख से मंजन करना चाहिए। इस मंजन से सुबह एवं रात को खाना खाने के बाद मंजन करने से दांतों का दर्द तथा मसूढ़ों से खून का निकलना बंद होता है। साथ ही इसकी छाल को उबालने के बाद उसे शीशी में बंद करके रख लें। यह पानी 50-50 मिलीलीटर गर्म करके रोजाना 3 बार कुल्ला करें। इससे दांतों का हिलना, दर्द, खून निकलना, मसूढों की सूजन और पायरिया खत्म हो जाता है।

-कब्ज

कचनार के फूलों को चीनी के साथ घोटकर शर्बत की तरह बनाकर सुबह-शाम पीने से कब्ज दूर होती है और पेट साफ रहता है। कचनार के फूलों का गुलकन्द रात में सोने से पहले 2 चम्मच की मात्रा में कुछ दिनों तक सेवन करने से कब्ज दूर होती है।

-कैंसर

कचनार की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से पेट का कैंसर ठीक होता है।

-दस्त सगना

कचनार की छाल का काढ़ा बनाकर दिन में 2 बार पीने से दस्त रोग में ठीक होता है। पेशाब के साथ खून आना-कचनार के फूलों का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से पेशाब में खून का आना बंद होता है। इसके सेवन से रक्त प्रदर एवं रक्तस्राव आदि भी ठीक होता है।

-बवासीर

कचनार की छाल का चूर्ण बना लें और यह चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में एक गिलास छाछ के साथ लें। इसका सेवन प्रतिदिन सुबह-शाम करने से बवासीर एवं खूनी बवासीर में बेहद लाभ मिलता है। कचनार का चूर्ण 5 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह पानी के साथ खाने से बवासीर ठीक होता है।

-खूनी दस्त

दस्त के साथ खून आने पर कचनार के फूल का काढ़ा सुबह-शाम सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से खूनी दस्त (रक्तातिसर) में जल्दी लाभ मिलता है।

-कुबड़ापन

अगर कुबड़ापन का रोग बच्चों में हो तो उसके पीठ के नीचे कचनार का फूल बिछाकर सुलाने से कुबड़ापन दूर होता है। लगभग 1 ग्राम का चौथाई भाग कचनार और गुग्गुल को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से कुबड़ापन दूर होता है। कुबड़ापन के दूर करने के लिए कचनार का काढ़ा बनाकर सेवन करना चाहिए।

-घाव
कचनार की छाल का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से घाव ठीक होता है। इसके काढ़े से घाव को धोना भी चाहिए।

-स्तनगांठ

कचनार की छाल को पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण लगभग आधे ग्राम की मात्रा में सौंठ और चावल के पानी (धोवन) के साथ मिलाकर पीने और स्तनों पर लेप करने से गांठ ठीक होती है।

-थायराइड

कचनार के फूल थायराइड की सबसे अच्छी दवा हैं। लिवर में किसी भी तरह की तकलीफ हो तो कचनार की जड़ का काढ़ा पीना बेहद लाभकारी होता है।

इस बात का रखें खास ध्यान

कचनार देर से हजम होती है और इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या भी उत्पन्न होने लगती है। इसलिए इससे घबराना नहीं चाहिए, जब तक कचनार का सेवन करें, तब तक रोज़ाना पपीते का सेवन खासतौर पर करते रहना चाहिए।

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