Chandra Grahan 2025: 7 सितंबर को पूर्ण चंद्रग्रहण, 9 घंटे पहले लगेगा सूतक

Sep 3, 2025 - 18:36
Sep 3, 2025 - 18:37
 0  5
Chandra Grahan 2025: 7 सितंबर को पूर्ण चंद्रग्रहण, 9 घंटे पहले लगेगा सूतक

भाद्रपद पूर्णिमा पर इस साल एक अद्भुत खगोलीय संयोग बन रहा है। 7 सितंबर को पूर्ण चंद्रग्रहण होगा जिसका स्पर्श रात 9 बजकर 57 मिनट पर होगा। सूतक दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा जिसके दौरान पूजा-पाठ निषेध रहेंगे। ग्रहण का राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा इसलिए इष्टदेव की आराधना फलदायी होगी। 3 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी और 4 सितंबर को वामन द्वादशी मनाई जाएगी।

HighLights

  1. 7 सितंबर को सारण में पूर्ण चंद्रग्रहण
  2. दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से लगेगा ग्रहण का सूतक
  3. राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालेगा चंद्रग्रहण

 भाद्रपद मास की पूर्णिमा पर इस वर्ष एक विशेष खगोलीय संयोग बनने जा रहा है। संवत 2082, भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा, रविवार सात सितंबर को सम्पूर्ण भारत में पूर्ण चंद्रग्रहण होगा।

भारतीय समयानुसार चंद्रग्रहण का स्पर्श रात्रि 9:57 बजे, मध्यकाल 11:42 बजे तथा मोक्ष रात्रिशेष 1:27 बजे होगा।

उन्होंने कहा कि ग्रहण का सूतक नौ घंटे पूर्व दोपहर 12:57 बजे से ही लग जाएगा। इस दौरान शास्त्रानुसार भगवान के दर्शन और पूजा निषेध होंगे तथा मंदिरों के पट बंद रहेंगे।

मोक्षोपरांत श्रद्धालु स्नान कर भगवान का अभिषेक करेंगे और वस्त्र-आभूषण से अलंकृत कर विशेष दर्शन-पूजन का लाभ प्राप्त करेंगे।

 चंद्रग्रहण का प्रभाव राशियों पर भिन्न-भिन्न होगा। मेष और वृषभ राशि वालों को सुख की प्राप्ति होगी, जबकि मिथुन, कर्क और सिंह राशि के जातकों को मानसिक चिन्तन की स्थिति का सामना करना पड़ेगा।

कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि वालों के लिए यह विकासदायक रहेगा, वहीं मकर, कुंभ और मीन राशि वालों को पीड़ा की आशंका है। इस समय अपने इष्टदेव की आराधना, गुरुमंत्र का जप, धार्मिक ग्रंथों का पठन और भगवान का स्मरण विशेष फलदायी माना गया है।

भाद्रपद मास के अन्य पर्वों की जानकारी देते हुए पंडित राय ने कहा कि तीन सितंबर बुधवार को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत होगा, जब भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषशय्या पर करवट बदलते हैं। इसके अगले दिन चार सितंबर गुरुवार को दोपहर 12 बजे भाद्रपद शुक्ल द्वादशी श्रवण नक्षत्र में भगवान श्रीवामन का प्राकट्योत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।

यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा। इसके लिए सूतक भी मान्य होगा। चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर मायावी ग्रह राहु और केतु का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है। इसके लिए सूतक और ग्रहण के समय शुभ काम करने की मनाही होती है। इसके साथ ही खानपान से भी परहेज करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का जप अवश्य करें।

चंद्र देव के 108 नाम

1. ॐ द्युतिलकाय नमः

2. ॐ द्विजराजाय नमः

3. ॐ ग्रहाधिपाय नमः

4. ॐ ग्रसितार्काय नमः

5. ॐ ग्रहमंडलमध्यस्थाय नमः

6. ॐ मेरुगोत्रप्रदक्षिणाय नमः

7. ॐ दांताय नमः

8. ॐ महेश्वरप्रियाय नमः

9. ॐ वसुसमृद्धिदाय नमः

10. ॐ विवस्वन्मंडलाग्नेयवासाय नमः

11. ॐ दिव्यवाहनाय नमः

12. ॐ चतुराय नमः

13. ॐ चतुरश्रासनारूढाय नमः

14. ॐ अव्ययाय नमः

15. ॐ कर्कटप्रभुवे नमः

16. ॐ करुणारससंपूर्णाय नमः

17. ॐ प्रियदायकाय नमः

18. ॐ अत्यंतविनयाय नमः

19. ॐ आत्रेयगोत्रजाय नमः

20. ॐ नयनाब्जसमुद्भवाय नमः

21. ॐ कुंदपुष्पोज्वलाकाराय नमः

22. ॐ धनुर्धराय नमः

23. ॐ दंडपाणये नमः

24. ॐ दशाश्वरथसंरूढाय नमः

25. ॐ श्वॆतगंधानुलेपनाय नमः

26. ॐ श्वेतमाल्यांबरधराय नमः

27. ॐ सितभूषणाय नमः

28. ॐ सितांगाय नमः

29. ॐ सितच्छत्रध्वजोपेताय नमः

30. ॐ सनकादिमुनिस्तुताय नमः

31. ॐ सर्वज्ञाय नमः

32. ॐ सर्वागमज्ञाय नमः

33. ॐ साधुवंदिताय नमः

34. ॐ स्ॐयजनकाय नमः

35. ॐ सकलार्तिहराय नमः

36. ॐ भुवनप्रतिपालकाय नमः

37. ॐ भव्याय नमः

38. ॐ भूच्छायाच्छादिताय नमः

39. ॐ निरामयाय नमः

40. ॐ निर्विकाराय नमः

41. ॐ निराहाराय नमः

42. ॐ निस्सपत्नाय नमः

43. ॐ जगदानंदकारणाय नमः

44. ॐ जगत्प्रकाशकिरणाय नमः

45. ॐ भवबंधविमोचनाय नमः

46. ॐ भक्तिगम्याय नमः

47. ॐ भायांतकृते नमः

48. ॐ सागरोद्भवाय नमः

49. ॐ सर्वरक्षकाय नमः

50. ॐ सामगानप्रियाय नमः

51. ॐ भक्तदारिद्र्यभंजनाय नमः

52. ॐ भद्राय नमः

53. ॐ मुक्तिदाय नमः

54. ॐ भुक्तिदाय नमः

55. ॐ मुक्तिदाय नमः

56. ॐ भक्तानामिष्टदायकाय नमः

57. ॐ सुरस्वामिने नमः

58. ॐ सुधामयाय नमः

59. ॐ जयफलप्रदाय नमः

60. ॐ जयिने नमः

61. ॐ शुभ्राय नमः

62. ॐ शुचये नमः

63. ॐ क्षयवृद्धिसमन्विताय नमः

64. ॐ क्षीणपापाय नमः

65. ॐ क्षपाकराय नमः

66. ॐ नित्यानुष्ठानदाय नमः

67. ॐ अमर्त्याय नमः

68. ॐ मृत्युसंहारकाय नमः

69. ॐ कामदायकाय नमः

70. ॐ कामकृताय नमः

71. ॐ कालहेतवे नमः

72. ॐ कळाधराय नमः

73. ॐ देवभोजनाय नमः

74. ॐ द्युचराय नमः

75. ॐ प्राकाशात्मने नमः

76. ॐ स्वप्राकाशाय नमः

77. ॐ अष्टदारुकुठारकाय नमः

78. ॐ अनंताय नमः

79. ॐ अष्टमूर्तिप्रियाय नमः

80. ॐ शिष्टपालकाय नमः

81. ॐ पुष्टिमते नमः

82. ॐ दुष्टदूराय नमः

83. ॐ दोषाकराय नमः

84. ॐ विदुषांपतये नमः

85. ॐ विश्वेशाय नमः

86. ॐ वीराय नमः

87. ॐ विकर्तनानुजाय नमः

88. ॐ ज्योतिश्चक्रप्रवर्तकाय नमः

89. ॐ जयोद्योगाय नमः

90. ॐ जितेंद्रियाय नमः

91. ॐ साधुपूजिताय नमः

92. ॐ सत्पतये नमः

93. ॐ सदाराध्याय नमः

94. ॐ सुधानिधये नमः

95. ॐ निशाकराय नमः

96. ॐ ताराधीशाय नमः

97. ॐ चंद्राय नमः

98. ॐ शशिधराय नमः

99. ॐ श्रीमते नमः

100. ॐ द्विभुजाय नमः

101. ॐ औदुंबरनागवासाय नमः

102. ॐ उदाराय नमः

103. ॐ रोहिणीपतये नमः

104. ॐ नित्योदयाय नमः

105. ॐ मुनिस्तुत्याय नमः

106. ॐ नित्यानंदफलप्रदाय नमः

107. ॐ सकलाह्लादनकराय नमः

108. ॐ पलाशसमिधप्रियाय नमः

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0